उसकी इश्कबाजी को मोहब्बत
समझने की भूल कर बैठे.
वो बेपरवाह पंरिदा बिन खैरियत
पूछे ही उड़ान भर गया
दर्दे जुदाई का अलाव कुछ यूं जला
कि भरी सर्दी में ये भी ये दिल खाक
हो गया.
कोई समझा दो उसे कि घरौंदे
प्यार के तिनकों से बना
करते है
राख से नहीं.
Shilpa Ronghe

समझने की भूल कर बैठे.
वो बेपरवाह पंरिदा बिन खैरियत
पूछे ही उड़ान भर गया
दर्दे जुदाई का अलाव कुछ यूं जला
कि भरी सर्दी में ये भी ये दिल खाक
हो गया.
कोई समझा दो उसे कि घरौंदे
प्यार के तिनकों से बना
करते है
राख से नहीं.
Shilpa Ronghe

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