Sunday, December 17, 2017

बेटी की चाहत

पढ़ी लिखी, सुंदर, सुशील, संस्कारी
कमाने वाली बहू सबको चाहिए.

लेकिन इन्ही गुणों वाली बेटी की चाहत
क्या सभी रखते है.

बेटियों का कम होता अनुपात
तो यही सवाल खड़ा करता है.

शिल्पा रोंघे

No comments:

Post a Comment

मेघा

देख रहे हैं राह, बचे-खुचे कुछ जंगल। अब तो निमंत्रण स्वीकार कर। सूख रही हैं नदियाँ और ताल, फिर से बह कर कहीं दूर निकल चल। मेघा, बरस  फिर से, ...