एक दीवानें की दिल की बात
तेरे ख्यालों से महक जाता हूं मैं.
क्यों इत्र खरीदूं मैं ?
तेरे ख्यालों से ही निखर जाता हूं
क्यों चंदन खरीदूं मैं ?
तेरे ही ख्यालों से तंदुरूस्त हो गया हूं मैं.
फिर क्यों दवा पर खर्च करूं मैं.
तेरे ही ख़्यालों से अमीर हो गया हूं मैं.
तो फिर क्यों दौलत की फ़िक्र करूं मैं.
शिल्पा रोंघे
तेरे ख्यालों से महक जाता हूं मैं.
क्यों इत्र खरीदूं मैं ?
तेरे ख्यालों से ही निखर जाता हूं
क्यों चंदन खरीदूं मैं ?
तेरे ही ख्यालों से तंदुरूस्त हो गया हूं मैं.
फिर क्यों दवा पर खर्च करूं मैं.
तेरे ही ख़्यालों से अमीर हो गया हूं मैं.
तो फिर क्यों दौलत की फ़िक्र करूं मैं.
शिल्पा रोंघे
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