Saturday, December 9, 2017

एक दीवानें की दिल बात

एक दीवानें की दिल बात

क्या तुम ज़माने से डरती हो ?
या मुझ पर यकीं नहीं करती हो?

कभी जाना पर्वत के उस पार
मैं बैठूंगा इस पार.

हो गर एतबार तो तो लेना जोर से मेरा नाम.
आएंगी गूंज कानों तक तो हां समझूंगा.
नहीं आई तो भी खुश हो लूंगा.

हां रोक नहीं सकती मुझे तुम पर्वत तक
आने से और इंतज़ार करने से.

कभी कभी भूले भटके यहां
आ मत जाना शायद
मैं वहां तुम्हें इंतज़ार करते मिलुंगा.

बता रहा हूं अभी से
फिर गिला मत करना.

शिल्पा रोंघे

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 इस होली, हम रंग नहीं लगाएंगे, बल्कि सिर्फ शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएंगे।