तुम्हारी यादें बचपन की लोरी सी.
तुम्हारी यादें जवानी की उमंग सी.
तुम्हारी यादें बुढ़ापे की बैसाखी सी.
हां ज़िंदगी के हर पल और हर मोड़
पर साथ चलती कारवां सी.
हां तुम्हारी यादें संजीवनी बूटी सी
जो खो बैंठू होश तो बिल्कुल
दवा सी.
शिल्पा रोंघे
तुम्हारी यादें जवानी की उमंग सी.
तुम्हारी यादें बुढ़ापे की बैसाखी सी.
हां ज़िंदगी के हर पल और हर मोड़
पर साथ चलती कारवां सी.
हां तुम्हारी यादें संजीवनी बूटी सी
जो खो बैंठू होश तो बिल्कुल
दवा सी.
शिल्पा रोंघे
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