Tuesday, December 12, 2017

बात हैरानी की



कुछ इंच के कपड़ें बिकते है लाखों रूपयों में.
चंद रूपयों के कंबल के बिना ठिठुरते है गरीब सड़कों पे.


शिल्पा रोंघे 

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