खोल दो खिड़कियां मन की अपनी.
ताकि झांक संकू में रूह तक तुम्हारी.
बहुत पढ़ लिया तुम्हारा चेतन मन.
अब है बारी तुम्हारे अवचेतन मन की.
कहते है अक्सर जागे से बेहतर सोया हुआ
मन ही खोल देता है दिल में छिपा राज़.
शिल्पा रोंघे
ताकि झांक संकू में रूह तक तुम्हारी.
बहुत पढ़ लिया तुम्हारा चेतन मन.
अब है बारी तुम्हारे अवचेतन मन की.
कहते है अक्सर जागे से बेहतर सोया हुआ
मन ही खोल देता है दिल में छिपा राज़.
शिल्पा रोंघे
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