ये प्यार कोई इश्तेहार नहीं है
जो छपे हर अख़बार में.
हां सच है ये भी
अमर प्रेम कहानियां
मिलती है अक्सर
लोक कथाओं में,
तो कभी उपन्यासों में,
तो कभी दीवार पर बनीं इबारतों में
जिस पर बदलते वक्त का असर
भी बेअसर होता है.
शिल्पा रोंघे
जो छपे हर अख़बार में.
हां सच है ये भी
अमर प्रेम कहानियां
मिलती है अक्सर
लोक कथाओं में,
तो कभी उपन्यासों में,
तो कभी दीवार पर बनीं इबारतों में
जिस पर बदलते वक्त का असर
भी बेअसर होता है.
शिल्पा रोंघे
No comments:
Post a Comment