Saturday, December 9, 2017

सर्दियों का आगमन

सर्द धूप के साथ हो चुकी है शुरू स्वेटरों की बुनाई.
और रज़ाईयों की सिलाई.
हो चुका है ठंड से बाज़ार गर्म अब.
अदरक की खूशबू
से महकने लगी है चाय की दुकाने कुछ ज्यादा ही.
हो चुका है ठंड से बाज़ार गर्म अब.
गज़क और तिल के लड्डूओं
से सजने लगी है दुकानें.
हो चुका है ठंड से बाज़ार गर्म अब.
हरी सब्जियों से
हरियाली सी हुई जा रही है सब्जी मंडियां.
हो चुका ठंड से बाज़ार गर्म अब.
जलने लगे हैं अलाव
सड़कों पर.
आंच के ताप से सुकून पाने लगी है उंगलियां.
हो चुका ठंड से बाज़ार अब गर्म.
कुछ ऐसा मेरे शहर की ठंड का हाल.
जो है सुकून भरी, नहीं करती है बेहाल.
शिल्पा रोंघे

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