एक ही पानी के कितने रंग और ढंग है देखो.
खारा है तो समुंदर की लहरें,
फल के अंदर है तो रस है पानी,
खारा है तो समुंदर की लहरें,
फल के अंदर है तो रस है पानी,
बादल बनकर बरसे तो बरसात है पानी,
एक किसान की आस है पानी,
एक किसान की आस है पानी,
आंसू बनकर बहे जो नमकीन बूंदे
तो ज़ज्बात है पानी.
तो ज़ज्बात है पानी.
बुझाये करोड़ों लोगों की प्यास
है वो पानी.
है वो पानी.
गंगा बनकर करे सबको निर्मल
वो है पानी.
वो है पानी.
प्यासी जमीं, प्यासे मनुष्य की
प्यास बुझाए वो है पानी.
प्यास बुझाए वो है पानी.
पानी बिना अधूरी है इस दुनिया की कहानी
जमें तो बर्फ, पिघले तो नदी या सागर है
पानी.
जमें तो बर्फ, पिघले तो नदी या सागर है
पानी.
शिल्पा रोंघे
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